कभी कभी दिल फ़कत इस फिराक से तेरी आवाज़ सुनना चाहता है कि
यकीन आ जाए कि मैं हूँ कहीं,
तेरे जहाँ में न सही
तो तेरे ख्यालों में ही कहीं,
तेरे वादों में न सही
तो तेरे गुज़ारे इरादों में ही कहीं,
आज अपने वुजूद पर कुछ शक सा हो रहा है
एक बार नाम ले लो मेरा,
कि खुद पर यकीन आ जाए...
यकीन आ जाए कि मैं हूँ कहीं,
तेरे जहाँ में न सही
तो तेरे ख्यालों में ही कहीं,
तेरे वादों में न सही
तो तेरे गुज़ारे इरादों में ही कहीं,
आज अपने वुजूद पर कुछ शक सा हो रहा है
एक बार नाम ले लो मेरा,
कि खुद पर यकीन आ जाए...
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