Dec 12, 2013

रंग

आज सुबह आसमान का रंग सुर्ख लाल था
जैसे तुम्हारे हाथों से
होली के कुछ रंग छलक गए हों
सारा दिन कमबख्त जिंदगी की धूप ने
इस रंग को उड़ाना चाहा
ये हल्का तो हुआ
पर कभी पूरी तरह मिट न सका
और रात को अँधेरे कि चादर ओढकर दिन सो गया
तुम्हारे रंगों को सीने में छुपाये
जो एक नयी सुबह फिर इसके साथ जी उठेंगे...