Sep 18, 2012

Compilation of random lines

1. कितने भी करीने से सजा लो ज़हन की दुनिया,
    उसकी आँखों की फ़कत दो बूंदें सब उलझा देती हैं...
    (#Delhi Rains)

2. किस किस को अपनी बर्बादियों का ज़िम्मा दूँ,
    कुछ माहौल खराब थे कहीं
    कुछ मैं भी बुरा हूँ ....

3. फुर्सत है होती तब उलझ जाता हूँ अपनी जिंदगी में मैं
    पर जब जिंदगी फुर्सत नहीं देती तो चाँद बहुत प्यारा लगता है...

4. जब आखिरी बार मुड कर देखा तो कमरा खाली था
    पर क्या छोड़ जा रहा हूँ यहाँ इसका कुछ हिसाब नहीं बनता...
    (last update from XL)

5. पेड़ की टहनियों में उलझ कर चाँद, आज मेरी खिडकी के पास ही रुक गया
    मैं ये समझा की मेरी ही तरह वो भी, अपनी राह से भटक गया...

Sep 11, 2012

जंजीरों में कुछ अलग सा सुकून होगा,
जो आज़ादी की चाहत के दर्द को भुला देती हैं
भीड़ में भी कुछ अजीब ही राहत होगी,
जो अपने वुजूद की टीस को छुपा देती है,
मज़हब और मुल्क भी खुदा ने ही बनाये होंगे,
जो इंसान होने के भरम को मिटा देते हैं...