May 16, 2009

सपने


नींद में आने वाले अनजाने ख़याल

या मेरे अंतर्मन के छुपे हुए सवाल

आंखों के परदे पर चलती तसवीरें

या खालीपन के कैनवास पर धुंधली उम्मीद की लकीरें ??????



2 comments:

  1. आज के समय में उम्मीद पालना भी गुनाह सा हो गया है

    वीनस केसरी

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  2. you'v cultivated a nice vision towards life(if the words above are your own)...keep it up... you'll surely do well in this field,too...!

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