Reflections
Apr 14, 2010
जाने से पहले
बिछड़ने में ही " चाहत क्या है ",
ये समझाने की ताक़त है
कभी समझे नहीं हम प्यार क्या है
फिर भी बस यूँ ही
गुज़र जाने से पहले मुड़ के उनको
देख लेने की हसरत है ...
2 comments:
संजय भास्कर
April 14, 2010 at 11:55 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
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Unknown
April 15, 2010 at 12:17 AM
shukriya sanjay ji is protsahan k liye
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बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteshukriya sanjay ji is protsahan k liye
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