Mar 31, 2009

Love

These are a collection of my very short romantic poems:



आ जाते हो ख्वाबों में तुम
बस याद करने की देर है
दरमियाँ हमारे ये फ़ासले तो
बस नज़रों का फेर हैं........



जब दुहरा दुहरा कर हर बात फीकी लगने लगती है
जो कहने को तो मुश्किल, पर समझ में सीधी लगती हैं
तब उन बातों का ध्यान आता है, और कहीं से
फिर उसका चेहरा, इस दिल पर छा जाता है ......




इन आंखों के नज़ारे अब मेरे बस में नही रहे
होंठों के लफ्ज़ सारे अब मेरे बस में नही रहे
हर आती जाती साँस पर बस तेरा नाम लेता हूँ
और लोग जिसे कहते हैं ख्वाब,
मैं तेरा दीदार कहता हूँ.....

1 comment:

  1. Awesome man.......simply awesome.....
    maza aa gaya....
    kya baat kahi hai...
    jz go on continuing.....

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