These are a collection of my very short romantic poems:
आ जाते हो ख्वाबों में तुम
बस याद करने की देर है
दरमियाँ हमारे ये फ़ासले तो
बस नज़रों का फेर हैं........
जब दुहरा दुहरा कर हर बात फीकी लगने लगती है
जो कहने को तो मुश्किल, पर समझ में सीधी लगती हैं
तब उन बातों का ध्यान आता है, और कहीं से
फिर उसका चेहरा, इस दिल पर छा जाता है ......
इन आंखों के नज़ारे अब मेरे बस में नही रहे
होंठों के लफ्ज़ सारे अब मेरे बस में नही रहे
हर आती जाती साँस पर बस तेरा नाम लेता हूँ
और लोग जिसे कहते हैं ख्वाब,
मैं तेरा दीदार कहता हूँ.....
Mar 31, 2009
Mar 28, 2009
क्या मैं चाहता हूँ तुझे??
क्या मैं चाहता हूँ तुझे ए मंजिल?
क्या इस दिल को तेरी ज़रूरत है?
ये तेरे करीब आने की खुशी है
या किसी अपने से बिछड़ने की आहट है?
मैं शायद नही जानता...
तुझे देखा है पर तेरी सूरत यादों से खो सी गई है
तुझे पाने की हसरत मन से फना सी हो गई है
तेरी तरफ़ जिन राहों पर बढ़ता रहा आजतक
वो राहें ही क्यों मेरी ज़िन्दगी अब हो गई हैं?
मैं शायद नही जानता...
राहों को पाकर ऐसा लगा मंजिल बेमानी है,
मंजिल तो है एक प्यास, पर राहें पानी हैं,
अब तो है इस दिल की यही आरजू,
बनकर राही ख्वाबों का कारवां लिए चलूँ
है मेरा खुदा आख़िर क्या चाहता ?
मैं शायद नही जानता...
About this blog
Hi, this is Abhijit and this is supposed to be the very first post on my blog. This blog was created way back(I don't even remmeber when), but now I think I should really write something here, as I have been reminded by someone that a blog exists under my name. It will contain some of my own ideas, some of my favourite works and a few nonsensensical articles as well.
Anyone who finds me annoying can please send his compliments via email.
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